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Wo Din Kitne Pyare The
Wo Din Kitne Pyare The
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Artists
Shyama Chitar (Lyrics by BK Ramrushi, BK Deepak)
Lyrics
Wo Din Kitne Pyare The , Ye Din bhi kitne pyare hai
Tab baba sath hamare the, baba ab bhi sath hamare hai
1. Saakar roop ko taj baba, avyakt roop ko dhare ho
Is divya roop mein bhi baba, madhuban mein aaye padhare ho
Amritvele nit uthte hi, aa milke baanh pasaare ho
ab bhi to pehle jaise hi, kartavy aalokik nyare hain
Wo din kitne pyare the....
2. Ye roop hamein ab bhi deta, shiv baba ki pehchan vahi
Haan yog vahi, haan gyan vahi, haan sad gun ke vardaan vahi
Meethi ruhani drishti vahi, meethi madhur muskan vahi
Hum divya gyan ke ratno se, ab bhi jaate shringaare hain
Wo din kitne pyare the....
3. Hey yagyapita shiv baba par, hum aap saman bali jayenge,
Hey prajapita hum yagya vats, poora hi sath nibahyenge
Hey aadi pita, ye yagya sada hum sab hi safal banayenge
Hum isi dhara ko swarg banakar daivi srishti basayenge
Haan gyan surya shiv baba ke, hum avichal gyan sitaare hain
Wo din kitne pyare the...
4. Ye parampita shiv baba ki, kartavya bhumi kalyan mayin
Humko prano ke priya baba, ye yagya bhumi vardan mayin
Brahma ki, brahma vatso ki, ye bhoomi nav nirman mayin
Sadyan yahan shiv baba ne, brahma mukh se uchchare hain
Wo din kitne pyare the....
——— 𝗛𝗜𝗡𝗗𝗜 ———
वो दिन कितने प्यारे थे, ये दिन भी कितने प्यारे हैं
तब बाबा साथ हमारे थे, बाबा अब भी साथ हमारे हैं
१. साकार रूप को तज बाबा, अव्यक्त रूप को धारे हो
इस दिव्य रूप में भी बाबा, मधुबन में आये पधारे हो
अमृतवेले नित उठते ही, आ मिलके बांह पसारे हो
अब भी तो पहले जैसे ही, कर्तव्य अलौकिक न्यारे हैं
वो दिन कितने प्यारे थे...
२. ये रूप हमें अब भी देता, शिव बाबा की पहचान वही
हाँ योग वही, हाँ ज्ञान वही, हाँ सद्गुण के वरदान वही
मीठी रूहानी दृष्टि वही, मीठी मधुर मुस्कान वही
हम दिव्य ज्ञान के रत्नो से, अब भी जाते श्रृंगारे हैं
वो दिन कितने प्यारे थे...
३. हे यज्ञपिता शिव बाबा पर, हम आप समां बलि जायेंगे
हे प्रजापिता हम यज्ञ वत्स , पूरा ही साथ निभाएंगे
हे आदिपिता ये यज्ञ सदा, हम सब ही सफल बनाएंगे
हम इसी धरा को स्वर्ग बनाकर, दैवी सृष्टि बसायेंगे
हाँ ज्ञान सूर्य शिव बाबा के, हम अविचल ज्ञान सितारे हैं
वो दिन कितने प्यारे थे...
४. ये परमपिता शिव बाबा की , कर्तव्य भूमि कल्याण मई
हमको प्राणो से प्रिय बाबा, ये यज्ञ भूमि वरदान मई
ब्रह्मा की ब्रह्मा वत्सो की, ये भूमि नव निर्माण मई
सद ज्ञान यहाँ शिव बाबा ने ब्रह्मा मुख से उच्चारे हैं
वो दिन कितने प्यारे थे...
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