वास्तव में पुराणी कलियुगी दुनिया का विनाश होता है और पुनः नयी सतयुगी दैवी मनुस्यो की सृष्टि (स्वर्ग) की स्थापना होती है। सृष्टि और जीवन का कभी अंत नहीं होता। आओ इसे विस्तार से समझो।
महाविनाश के तिन कारण : 1 राजनेतिक
2 वैज्ञानिक
3 प्रकृति आज पूरे विश्व में राज सत्ता उथल पुथल है। सयुक्त शक्ति शाली देश अमेरिका अपने को शक्ति शाली कहता है,तो रूस अपने को शक्ति शाली कहता है दोनों शक्ति में कमजोर नही चाहे एक हो जाए तो पूर विश्व में राज कर सकते है लेकिन ड्रामा में नही।आज विश्व स्तर निचे गिरते जा रहा तृतीय विश्व युद्ध का आसार दिखाई दे रहा है।जितने भी देश है वह विश्व युद्ध में समाप्त हो जायेंगे अन्त की स्थिति बहुत भयानक व् दर्द दायक स्थिति होगी इसलिए तो बाबा ने मुरली के माध्यम से कह भी दिया की अपनी स्थिति अचल अडोल एक रस स्थिति बनाओ ड्रामा के हर एक सिन को साक्षी होकर देखो महाविनाश के एक झटके में विदेश समाप्त हो जायेंगे सेकण्ड भी नही लगेगा। सारा खेल तो भारत में है। देश विदेश की राजनेतिक डगमग ही जायेगी लोक तन्त्र प्रजा तन्त्र ढीली बेकाबू हो जायेगा कोई किसी के ऊपर काबू नही पा सकेंगे देश के राजनेतिक और ही ढीली कमजोर होते जायेगी भ्रष्टाचार और ही बढ़ते जायेंगे अर्थव्यवस्था डगमग हो जायेगी आगे चल बड़े बड़े राजनेता लोग भी थक कर बैठ जायेंगे वह भी घुटने टेक लेंगे की अब हमसे देश समाहल नहीे समहल रही है सब आगे ठप होने के कगार में आ जायेगी देश के कई सरकारी गैर सरकारी विभाग बन्द हो जायेगे पूरेविश्व में अशांति का आसार दिखने लगेंगा न कोई कोर्ट कचहरी होगी न कोई जेल व् थाने होंगे तो और ही हिंसा के कार्य मार काट खून खराबा लूट पात मच जाएँगी कोई अपने घरो से बाहर नही निकल सकेगा साइंस के द्वारा विनाश के इतने बड़े बड़े मिसाइल अणु बम परमाणु बम तैयार हो चुके हे यह होगा तीसरा विश्व युद्ध की तैयारी इसी मिसाइल और अणू परमाणु बम के गिरने फटने से कई देश मिनटों में समाप्त हो जायेगी चारो तरफ बम बारूद के ढेर में लोग मरे पड़े होंगे सब देशो से अर्यात् निर्यात होना बन्द हो जायगी न इस देश का समान बाहर जा सकेगा न बाहर से इस देश में कोई भी समान आ नही सकेगा यहाँ भारत में महंगाई और ही बड़ जायेगी लोग भूख के कारण एक दूसरे को छीन कर लड़ मर कर अपनी भूख मिटाने के लिए मजबूर हो जायेंगे अणु परमाणु और मिसाइल बमो के वजह से पूरे प्रकृति भर भारी असर पहुचेगा पूरा वायुमण्डल वातावरण में जहर फेल जायेगी बाबा कहते है न अंत में जन्म लेने वाली आत्मा जन्म लेगी और तुरन्त शरीर छोड़ेगी क्योको चारो तरफ ही जहरीली वातवरण के कारण पैदा होने वाले बच्चे कमजोर बीमार होंगे चारो तरफ भयानक बिमारिय बढ़ेंगी कोई उस वक्त न डॉक्टर होने न दवा होगी दर्दनाक सिन होगा इस सिन को वही देखेंगे जिनकी अवस्था मजबूत होगी अकाल की स्थिति होगी खाने के लिए कुछ भी नही होगा बाबा कहते हे न बच्चे उस समय दाल रोटी खाकर भी खूश रहोगे कहावत हे दाल रोटी खावो प्रभु के गुण गावो यह साइंस के सारे साधन फेल हो जायेंगे न मोबाइल होगा न कम्युटर होगा न किसी तरफ बिजली होगी चारो और अंधकार होगा न कूलर ऐसी काम करेंगी सब उपकरण फेल हो जायेंगे।
बाबा बच्चों को बार बार इशारा दे रहे की समय कम है समय नाजुक होने वाला है विनाश सामने खड़ा है ताकि बच्चे अपनी अवस्थ अचल अडोल बना सके ड्रामा के हर कड़े से कड़ा सिन को को साक्षी होकर देखे की उनके सामने यह दृश्य केवल खेल का अंतिम सिन चल रहा है। -ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू ओम शांति।
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