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आज की मुरली का सार 2 May 2019 (Murli essence)


Aaj ki Murli ka Saar - Today's Murli essence in Hindi. आज की मुरली का सार 2 May 2019. You can also listen today's murli (in Hindi & English)


“मीठे बच्चे - आत्म-अभिमानी बनो, मैं आत्मा हूँ शरीर नहीं, यह है पहला पाठ, यही पाठ सबको अच्छी तरह पढ़ाओ”


Q- ज्ञान सुनाने का तरीका क्या है? किस विधि से ज्ञान सुनाना है?


Answer

ज्ञान की बातें बड़ी खुशी-खुशी से सुनाओ, लाचारी से नहीं। तुम आपस में बैठकर ज्ञान की चर्चा करो, ज्ञान का मनन-चिंतन करो फिर किसी को सुनाओ। अपने को आत्मा समझकर फिर आत्मा को सुनायेंगे तो सुनने वाले को भी खुशी होगी।


Dharna


1) ज्ञान को अन्दर घोटना है अर्थात् विचार सागर मंथन करना है। ज्ञान की आपस में रूहरिहान कर फिर दूसरों को समझाना है। सुस्ती वा आलस्य को छोड़ देना है।


2) देही-अभिमानी बन बड़े हुल्लास से बाप को याद करना है। सदा इसी नशे में रहना है कि हम बाप के पास आये हैं कौड़ी से हीरा बनने। हम हैं ईश्वरीय सन्तान।


Vardaan

मन-बुद्धि द्वारा श्रेष्ठ स्थितियों रूपी आसन पर स्थित रहने वाले तपस्वीमूर्त भव


तपस्वी सदा कोई न कोई आसन पर बैठकर तपस्या करते हैं। आप तपस्वी आत्माओं का आसन है - एकरस स्थिति, फरिश्ता स्थिति.. इन्हीं श्रेष्ठ स्थितियों में स्थित होना अर्थात् आसन पर बैठना। स्थूल आसन पर तो स्थूल शरीर बैठता है लेकिन आप इस श्रेष्ठ आसन पर मन बुद्धि को बिठाते हो। वे तपस्वी एक टांग पर खड़े हो जाते और आप एकरस स्थिति में एकाग्र हो जाते हो। उन्हों का है हठयोग और आपका है सहजयोग।


Slogan

प्यार के सागर बाप के बच्चे प्रेम की भरपूर गंगा बनकर रहो।


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