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आज का पुरुषार्थ 26 April 19 (Today's Purusharth)


Hear Aaj Ka Purusharth from Peace of Mind TV channel for 26 April 2019. Watch PMTV Live.

Topic: 'Love and Light' (Prem aur Prakash) ★【 आज का पुरूषार्थ】★ बाबा कहते हैं ... देखो बच्चे, बाप ने आप बच्चों को महीनता से सारी पढ़ाई पढ़ा दी है और last अभ्यास भी बता दिया है कि love and light का carefully किया गया अभ्यास ही आपको इस दुनिया से न्यारा करेगा...। बस, आप बाप पर निश्चय रख यह अभ्यास करते चलो। जल्द ही प्राप्तियां शुरू हो जायेंगी। Love and light का अभ्यास अर्थात इस पाँच तत्वों से न्यारे होने का पुरुषार्थ ... और जो यह पुरूषार्थ अच्छी रीति कर रहे हैं, उन्हें इसके result भी positive मिल रहे हैं। यह जो आपकी पाँच कर्मन्द्रियाँ है ना, इनका प्रभाव भी आप पर नहीं पड़ना चाहिए अर्थात् कुछ भी देखकर, सुनकर, बोलकर कर्म का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। अब आँखों को जब भी use करो तो सबकुछ light ही देखो, वो भी बहुत प्रेम के साथ ... तो जल्दी ही इसके प्रभाव से न्यारे हो जाओगे...। देखो बच्चे, शिव बाप ने तो आप बच्चों से पहले से ही promise किया हुआ है कि 100% श्रीमत पर चलने वाले बच्चों को बाप समय से पहले तैयार कर अपने साथ लेकर जायेगा। बस, आप double light रहो अर्थात् निश्चिन्त रहो। बाप आपको किसी भी तरह की, कोई भी परिस्थिति में फँसने नहीं देगा...। बस, आप आने वाली हर परिस्थिति को मन-बुद्धि द्वारा हल्का कर, LET GO कर, हल्के रहो ... आपका ज़िम्मेवार परमात्मा बाप है...। जितने आप हल्के रहोगे उतनी जल्दी बाप आपको अपने संग बिठा लेगा। बस, आप बाप पर निश्चय रखो। बाप की एक-एक बात पत्थर की लकीर अर्थात् 100% सत्य सिद्ध होगी। शिव बाप अपने हर बच्चे के साथ है। बस, आप ना तो अलबेले बनना और ना ही दिलशिकस्त होना...। देखते ही देखते बिल्कुल अचानक ही समय परिवर्तन होना है...।

अच्छा। ओम् शान्ति। Listen Aaj ki Murli (Hindi) OR Today's Murli (English) * Hear on【 Peace Of Mind TV 】*

* आज का स्वमान * ♻ मैं महसूसता की शक्ति द्वारा स्व-परिवर्तक सो विश्व-परिवर्तक आत्मा हूँ ♻ कोई भी परिवर्तन का सहज आधार महसूसता-शक्ति है। जब तक महसूसता-शक्ति नहीं आती, तब तक अनुभूति नहीं होती और जब तक अनुभूति नहीं तब तक ब्राह्मण जीवन की विशेषता का फाउन्डेशन मजबूत नहीं। महसूसता की शक्ति बहुत मीठे अनुभव करा सकती है। कभी अपने को बाप के नूरे रतन आत्मा अर्थात् नयनों में समाई हुई श्रेष्ठ बिन्दु महसूस करो। कभी अपने को मस्तक पर चमकने वाली मस्तक-मणि,चमकता हुआ सितारा महसूस करो, कभी अपने को ब्रह्मा बाप के सहयोगी, राइट हैण्ड साकार ब्राह्मण रूप में ब्रह्मा की भुजायें अनुभव करो, महसूस करो। कभी अव्यक्त फरिश्ता स्वरूप महसूस करो। ऐसे महसूसता शक्ति से बहुत अनोखे, अलौकिक अनुभव करो। इस महसूसता-शक्ति को बढ़ाओ तो दूसरे तरफ की कमज़ोरी की महसूसता स्वत: ही स्पष्ट होगी। शक्तिशाली दर्पण के बीच छोटा-सा दाग भी स्पष्ट दिखाई देगा और परिवर्तन कर लेंगे। * MADHUBAN *

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