top of page
Writer's pictureWebsite Admin

आज की मुरली से कविता 1 April 2019 (Today Murli Poem)


Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 1 April 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page.

* मुरली कविता दिनांक 01.04.2019 *

आंखों से जो देख रहे वो सबकुछ मिट जाएगा

यहाँ से वैराग्य जगाओ अब नव संसार आएगा

शांति में बैठकर बच्चों तुम जीते जी मर जाओ

अपने विकर्म इसी तरीके से दग्ध करते जाओ

शान्तिधाम की स्मृति अपनी बुद्धि में बिठाओ

अब घर जाना है ये मन में पक्का करते जाओ

शान्तिधाम कहते उसको और कहते मुक्तिधाम

वाणी से परे जहाँ रहते वो है प्यारा निर्वाणधाम

पुराना तन छोड़कर हम सबको वहाँ पर जाना

बाप का ज्ञान अच्छी रीति पढ़ना और पढ़ाना

पवित्र बनने के लिए बाप हमें राजयोग सिखाते

कामचिता से उठाकर हमें योगाग्नि में बिठाते

पुरानी छी छी दुनिया के प्रति वैराग्य जगाओ

योगबल से पवित्र बनकर नई दुनिया में जाओ

हम ब्रह्मा मुख वंशावली का ऊंच कुल संसार

पतित पावन परमात्मा के हम बनते मददगार

याद की यात्रा में तुम ग़फलत कभी ना करना

देहभान छोड़कर योग से पापों का नाश करना

बड़े विकराल रूप लेकर माया आती ही रहेगी

अगर माया से घबराए तो वो डराती ही रहेगी

साक्षी होकर माया के सब खेल देखते जाओ

मायाजीत बनकर इस खेल का मजा उठाओ

अच्छा हुआ अच्छा हो रहा अच्छा होने वाला

माया पर जीत पाता केवल यही सोचने वाला

औरों के स्वभाव के वश खुद को ना जलाओ

व्यर्थ की बातें छोड़कर सहनशील बन जाओ

*ॐ शांति *

---- Useful links ----

.

44 views

Related Posts

See All

Comments


bottom of page