हनुमान जयंती के अवसर पर यह सुंदर कविता प्रस्तुत करते हैl आशा है बहुतो को पुरुषार्थ मे प्रेरणा देंगी l
हनुमान जयन्ती पर लघु कविता
श्री राम के प्रति रखा जिसने समर्पित भाव
सदा ही आज्ञाकारी का था उसका स्वभाव कामना नहीं थी पाने की मान और सम्मान
नहीं था उसके जीवन में अहंकार का भान जिसकी नस नस में भरी थी स्वामी भक्ति
धर्म के लिये लगाई थी उसने अपनी शक्ति अचल अडोल रहा सदा वो अपने इरादों पर
खरा उतर दिखलाया अपने सभी वादों पर
ऐसे महावीर हनुमान का जन्म दिन मनाओ
उसके गुणों को खुद में धारण करते जाओ * ॐ शांति *
हनुमान जयन्ती की शुभकामनायें
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शुद्ध विचार सुखी जीवन का आधार
खेल ये मन के संकल्पों का बहुत ध्यान से खेल
बढ़ाते जाना एक दूजे संग शुद्ध विचारों का मेल
समान विचारों के बल से ही वातावरण बदलता
समस्याओं का समाधान इसी विधि से निकलता
शुभ भावना भरे संकल्पों से चरित्र बनता महान
सफलता के शिखर पर चढ़ना हो जाता आसान
नहीं होते कोई वैर विरोधी ना होता व्यर्थ विवाद
श्रेष्ठ चरित्र तब ही बनता जब होता शुद्ध संवाद
चिंता की रेखा मिटकर आती चेहरे पर मुस्कान
सुखी बनता जीवन मिटता दुख का नाम निशान
पांचों तत्व भी पावन बन जाते शुद्ध विचारों से
पतझड़ से मुक्ति पाकर परिचय होता बहारों से
शुद्ध विचार ही करते सारी दुनिया पर उपकार
शुद्ध विचार से बन जाता सुखमय सारा संसार
आज से अपने मन में शुद्ध विचार ही अपनाना
सात्विक विचार से जीवन सबका सुखी बनाना
* ऊँ शांति *
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