Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 28 Jan 2019. This poem is daily written on day's murli by BK Mukesh (Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 28.1.2019 *
बाप के सहारे बच्चे जाएंगे शान्तिधाम सुखधाम
पावन बनना बाप की याद से यही तुम्हारा काम
जिस दिन मेरे बच्चों तुम कर्मातीत बन जाओगे
सहज रीति मेरे दुलारों शान्तिधाम चले जाओगे
बाप उन्हें ही समझाते देकर प्यार भरी पुचकार
जो रहते सदा ही मीठे, सेवाधारी और वफादार
बाप समझाते आपस में तुम बहुत लव से रहना
भूलें ना हो तुमसे, दुख देने वाले बोल ना कहना
भाई भाई का रूहानी प्यार आपस में निभाओगे
मेरे बच्चों बाप को तुम प्रत्यक्ष तभी कर पाओगे
खुशी से तन छोड़ने की विधि बाप हमें सिखाते
हम आत्मा अविनाशी ये निश्चय पक्का करवाते
बाप ने हमें पुरुषोत्तम बनने का रास्ता बतलाया
आत्म निश्चय करवाकर हमें भय से मुक्त कराया
धन-दौलत मकान आदि में बुद्धि यदि लगाओगे
कर्मातीत अवस्था बच्चों तुम कभी नहीं पाओगे
हर आत्मा का आया वापस घर लौटने का वक्त
विकर्म मिटाकर पावन बनो होकर तुम अव्यक्त
देहअभिमान के वश किसी को तंग नहीं करना
हर बात में राज़ी रहना खीर खण्ड होकर रहना
सवेरे-सवेरे उठकर प्यार से बाप को याद करना
विचार सागर मंथन कर बाप का शुक्रिया करना
दिल और दिमाग का बेलेंस रखकर करना सेवा
बाप की याद में रहकर खाना सफलता का मेवा
बच्चों जब तुम हर बात में बेहदपन अपनाओगे
हद की सब बातों को तुम समाप्त होता पाओगे
*ॐ शांति*
---- Useful links ----
.
Comments