Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 25 Jan 2019. This poem is daily written on day's murli by BK Mukesh (Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 26.1.2019 *
बाप सुख में ले जाते करके बच्चों की सुनवाई
बन गए वानप्रस्थी हम घड़ी घर जाने की आई
योगयुक्त रह जितना श्रीमत पर चलते जाओगे
विनाश के समय भी तुम बच्चे मौज मनाओगे
पुराना शरीर छोड़कर हमें स्वीट होम है जाना
विनाश के पश्चात फिर हमें नई दुनिया में जाना
दुख से भरपूर ये दुनिया जब छी छी बन जाती
सुखदाता बाप के आने की घड़ी तब ही आती
शास्त्र पढ़कर भी तुम सब दलदल में गिर जाते
पांच विकारों के कारण दुख ही दुख तुम पाते
दूर देश वासी बाबा बच्चों की सेवा करने आते
वेद और शास्त्रों का सार आकर हमें समझाते
लाइट हाउस बनकर तुम सबको रास्ता बताना
सर्व हदों से निकालकर बेहद की बुद्धि बनाना
वापस घर जाने के लिए सतोप्रधान बन जाना
समय बर्बाद नहीं करके स्वदर्शन चक्र चलाना
बच्चों हर कर्म करना सदा तुम सोच समझकर
ज्ञानी तूँ आत्मा रहना तुम पश्चाताप से बचकर
सर्व गुणों और शक्तियों का जितना दोगे दान
रहमदिल बन कहलाओगे मास्टर दाता महान
*ॐ शांति*
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