Hindi Poem from Today's Gyan Murli. Aaj ki Murli se Kavita. Date: 24 January 2019. Derived from its main page: Daily Murli Poems
* मुरली कविता दिनांक 24.1.2019 *
फर्स्टक्लास वंडरफुल खुराक बाप हमें खिलाते
ज्ञान योग की खुराक खिलाकर खुशियां दिलाते
यही रूहानी खुराक तुम औरों को भी खिलाना
ख़ातिरी करके औरों की उनको खुशी में लाना
सबको आत्मा देखने की आदत को अपनाओ
खुद को आत्मा समझकर सबको ज्ञान सुनाओ
इसी आदत द्वारा अपनी देह का भान मिटाओ
व्यर्थ संकल्प के तुफानो से सम्पूर्ण मुक्ति पाओ
ज्ञान का तीर लगाकर सबको बाप का बनाओ
विश्व का राज्य भाग्य तुम सहज रूप से पाओ
स्वर्ग का वर्सा बच्चों को देने आया है खुद बाप
इसकी खुशी मनाओ आपस में मिलकर आप
बाप आकर देते मुक्ति जीवनमुक्ति की सौगात
विश्व की बादशाही मिलना ये कम नहीं है बात
दुखधाम से सुखधाम ले जाने आया है खिवैया
पार लेकर ही जाएगा वो सारी दुनिया की नैया
बाप सिखाने आते बच्चों को राजयोग अनमोल
बच्चों राजयोग सीखने में मत करो टाल मटोल
अच्छा पुरुषार्थ जो करते वो महावीर कहलाते
ऐसे बच्चों को ही बाप विश्व का मालिक बनाते
देखो आत्मा भाई भाई अपने तन को भुलाओ
आत्मा देखने का अभ्यास रोज बढ़ाते जाओ
खुशी की खुराक खुद खाकर सबको खिलाना
बाप को फॉलो कर रूहानी सेवा करते जाना
उल्टी-सुल्टी बातें सुनकर तुमको चुप ही रहना
मुख की ताली छोड़कर हर बात सहन करना
साइलेंस के साधन से करो माया की पहचान
दूर से परखकर मिटाओ उसका नाम निशान
क्या क्यों के संकल्प माया की ख़ातिरी करते
ऐसे संकल्प फिर बच्चों को तंग परेशान करते
साइलेंस का बच्चों तुम कर लो इतना अभ्यास
माया की पहचान करो और ना आने दो पास
श्रेष्ठ भाग्य की रेखाओं को करते जाओ इमर्ज
पुराने संस्कारों की सब रेखायें हो जाएगी मर्ज
*ॐ शांति*
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