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आज की मुरली का सार 21 May 2019


Aaj ki Murli ka Saar - Today's Murli essence in Hindi. आज की मुरली का सार 21 May 2019. You can also listen today's murli (in Hindi & English)


“मीठे बच्चे - तुम सिद्ध करके बताओ कि बेहद का बाप हमारा बाप भी है, शिक्षक भी है और सतगुरू भी है, वह सर्वव्यापी नहीं हो सकता”


Q- इस समय दुनिया में अति दु:ख क्यों है, दु:ख का कारण सुनाओ?


A- सारी दुनिया पर इस समय राहू की दशा है, इसी कारण दु:ख है। वृक्षपति बाप जब आते हैं तो सब पर बृहस्पति की दशा बैठती है। सतयुग-त्रेता में बृहस्पति की दशा है, रावण का नाम-निशान नहीं है इसलिए वहाँ दु:ख होता नहीं। बाप आये हैं सुखधाम की स्थापना करने, उसमें दु:ख हो नहीं सकता।


Dharna


1) कलियुगी लोक लाज कुल की मर्यादा छोड़ ईश्वरीय कुल की मर्यादाओं को धारण करना है। अशरीरी बाप जो सुनाते हैं वह अशरीरी होकर सुनने का अभ्यास पक्का करना है।-----


2) बेहद का बाप, बाप भी है, टीचर भी है, सतगुरू भी है, यह कान्ट्रास्ट सभी को समझाना है। यह सिद्ध करना है कि बेहद का बाप सर्वव्यापी नहीं है।


Vardaan


लौकिक अलौकिक जीवन में सदा न्यारे बन परमात्म साथ के अनुभव द्वारा नष्टोमोहा भव-----


सदा न्यारे रहने की निशानी है प्रभू प्यार की अनुभूति और जितना प्यार होता है उतना साथ रहेंगे, अलग नहीं होंगे। प्यार उसको ही कहा जाता है जो साथ रहे। जब बाप साथ है तो सर्व बोझ बाप को देकर खुद हल्के हो जाओ, यही विधि है नष्टोमोहा बनने की। लेकिन पुरुषार्थ की सबजेक्ट में सदा शब्द को अन्डर-लाइन करो। लौकिक और अलौकिक जीवन में सदा न्यारे रहो तब सदा साथ का अनुभव होगा।


Slogan


विकारों रूपी सांपों को अपनी शैया बना दो तो सहजयोगी बन जायेंगे।


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