Aaj ki Murli ka Saar - Today's Murli essence in Hindi. आज की मुरली का सार 3 May 2019. You can also listen today's murli (in Hindi & English)
“मीठे बच्चे - याद का आधार है प्यार, प्यार में कमी है तो याद एकरस नहीं रह सकती और याद एकरस नहीं है तो प्यार नहीं मिल सकता”
Q- आत्मा की सबसे प्यारी चीज़ कौन सी है? उसकी निशानी क्या है?
A- यह शरीर आत्मा के लिए सबसे प्यारी चीज़ है। शरीर से इतना प्यार है जो वह छोड़ना नहीं चाहती। बचाव के लिए अनेक प्रबन्ध रचती है। बाप कहते बच्चे, यह तो तमोप्रधान छी-छी शरीर है। तुम्हें अब नया शरीर लेना है इसलिए इस पुराने शरीर से ममत्व निकाल दो। इस शरीर का भान न रहे, यही है मंज़िल।
Dharna
1) शिवबाबा के हम वारिस हैं, वह हमारा वारिस है, इस निश्चय से बाप पर पूरा फिदा होना है। जितना बाबा के पास जमा करेंगे उतना सेफ हो जायेगा। कहा जाता - किनकी दबी रहेगी धूल में......।----
2) कांटे से फूल अभी ही बनना है। एकरस याद और सर्विस से बाप के प्यार का अधिकारी बनना है। दिन-प्रतिदिन याद में कदम आगे बढ़ाते रहना है।
Vardaan
इस कल्याणकारी युग में सर्व का कल्याण करने वाले प्रकृतिजीत मायाजीत भव
संगमयुग को कल्याणकारी युग कहा जाता है इस युग में सदा ये स्वमान याद रहे कि मैं कल्याणकारी आत्मा हूँ, मेरा कर्तव्य है पहले स्व का कल्याण करना फिर सर्व का कल्याण करना। मनुष्यात्मायें तो क्या हम प्रकृति का भी कल्याण करने वाले हैं इसलिए प्रकृतिजीत, मायाजीत कहलाते हैं। जब आत्मा पुरुष प्रकृतिजीत बन जाती है, तो प्रकृति भी सुखदाई बन जाती है। प्रकृति वा माया की हलचल में आ नहीं सकते। उन्हों पर अकल्याण के वायुमण्डल का प्रभाव पड़ नहीं सकता।
Slogan
एक दूसरे के विचारों को सम्मान दो तो माननीय आत्मा बन जायेंगे।
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