What is our relationship with God, the Supreme Soul. परमात्मा शिव के साथ हमारा सम्बन्ध. God is called the Father. He is father of all Souls. God is the creator of heaven. Our relationship is of a father and child.
परमात्मा शिव के साथ हमारा सम्बन्ध
परमात्मा हम सभी आत्माओं का रूहानी पपता है | देह के पपता तो सभी के भभन्न भभन्न हो सकते हैं ककन्तु आत्मा का पपता तो सभी का एक ही है | आत्मा भनराकार ज्योभत प ंदुस्वरुप है उसी प्रकार परमात्मा का रूप भी भनराकार ज्योभतप दंुस्वरुप है | एक पपता की संतान होने से हमारा भाई भाई का नाता है | आत्मा के शरीर का नाम रूप दलता है परन्तु परमात्मा का नाम सदा शिव है, वह स से ऊँ चा धाम परमधाम में भनवास करता है जहाँ से हम आत्माएं इस सृपि रूपी रंगमंच पर पार्ट जाने आई हैं |
५००० वर्ट का यह ेहद नार्क ज पूरा होता है, सभी पभतत, भ्रिाचारी न जाते हैं तो सुप्रीम डायरेक्र्र परमात्मा इस धरा पर अवतररत होकर पुनः सतयुगी दैवी दुनिया की स्थापना करते हैं | कभलयुग के इस अज्ञान अन्धाकर रूपी रात्रि में परमात्मा का ब्रह्मा के साधारण मनुष्य तन में कदव्य अवतरण को ही मनुष्यात्मायें महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं |
१९३६ में परमात्मा का दिव्य अवतरण हो चुका है |
क्या कोई भी मनुष्य आत्मा परमात्मा हो सकता है ?
परमात्मा तो एक भनराकार को ही कहा जाता है जो रभचयता अथवा किएर्र है ाकी सभी तो रचना की श्रेणी में आते हैं | आत्माओं की अनेक वैरायर्ी हो सकती है जैसे महान आत्मा, देव आत्मा, धमाटत्मा, पुण्य आत्मा, पाप आत्मा इत्याकद ककन्तु परमात्मा तो एक ही होता है जजस प्रकार च्चे अनेक हो सकते हैंककन्तु ाप तो एक ही होता है | कोई भी देहधारी को परमात्मा की संज्ञा नहीं दे सकते | परमात्मा कभी जन्म मरण के चि में नहीं आता, कमट के ंधन में नहीं आता इसभलए पाप-पुण्य से, सुख-दःख से न्यारा रहता है l
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