Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 30 Jan 2019. This poem is daily written on day's murli by BK Mukesh (Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 30.1.2019 *
राजऋषि बच्चों राजाई पाने का पुरुषार्थ करो
खुद के अन्दर दिव्य गुणों की धारणा भी करो
उत्तम पुरुष बनने के लिए पढ़ाई नहीं छोड़ना
लड़ने झगड़ने की आदत से तुम नाता तोड़ना
अपनी उन्नति का मन में चलता ही रहे ख्याल
देवताओं जैसी रॉयल रखना चलन और चाल
बोली ऐसी हो जो मिठास का अनुभव कराए
अपने श्रेष्ठ व्यवहार से सुख ही सुख सब पाए
बच्चों अपनी बुद्धि को बाप के साथ लगाओ
बाप की याद में रहकर विकर्म सभी मिटाओ
हीरे से कौड़ी मिसल बने जन्म चौरासी लेकर
बाप फिर से हीरा बनाते ब्रह्मा का तन लेकर
बाप के संग बच्चों तुम्हें मूल वतन अब जाना
नई दुनिया स्वर्ग में आकर नया शरीर है पाना
दैवी गुण धारण करके बहुत फायदा पाओगे
अच्छी रीति पढ़कर ही तुम पद ऊंचा पाओगे
सर्व का कल्याण करना दैवी गुण अपनाकर
सतोप्रधान बनना बुद्धि एक बाप से लगाकर
व्यर्थ की बातों में अपनी बुद्धि नहीं भटकाना
बाप समान शिक्षक बन सबको रास्ता बताना
खुशियों से सम्पन्न होकर देना खुशी का दान
सबको खुशियां बांटना ही पुण्य सबसे महान
हर बात में खुद को अनुभवी आत्मा बनाओ
धोखों से मुक्त होकर विघ्नों पर विजय पाओ
*ॐ शांति*
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