Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 27 Feb 2019. This poem is daily written on day's murli by Brahma Kumar (BK) Mukesh (from Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 27.2.2019 *
याद का चार्ट तुम्हारे पुरुषार्थ की गति बताएगा
देहभान पीछे करेगा आत्मभान आगे बढ़ाएगा
सतयुगी सुख का मोल जिसे समझ में आएगा
वही बच्चा सतयुग में शुरू के जन्मों में आएगा
स्वर्ग का वर्सा देने वाले की सबको दो पहचान
निराकार वो ज्योति बिन्दु अपना शिव भगवान
पुरुषार्थ में थककर बच्चे कितनी रड़ियाँ मारते
आत्मभान की स्थिति से खुद को नीचे उतारते
अति सरल सीधा ज्ञान हम सबको बाप सुनाते
बाप को याद ना कर बच्चे मुश्किल इसे बनाते
केवल मनुष्य मत ही सबको दुर्गति में ले जाती
ईश्वरीय मत फिर से बच्चों को सद्गति दिलाती
शरीर निर्वाह अर्थ बच्चों कर्म जरूर तुम करना
किंतू बाप को भूलने की गलती कभी ना करना
दुनिया के झंझटों में कभी खुद को ना फंसाना
मनुष्य मत को छोड़कर बाप की मत अपनाना
एक बाप से प्यार रखकर उसकी महिमा गाना
बाकी सभी देहधारियों से मोह को तुम मिटाना
नॉलेज की शक्ति से हर गलत को सही बनाओ
परिवर्तन के बल से ज्ञानी तू आत्मा कहलाओ
व्यर्थ और गलत संकल्पों के वश में नहीं आना
ज्ञान प्रकाश के बल से अज्ञान अंधेरा मिटाना
शुभ चिन्तन करते हुए शुभ चिन्तक बन जाओ
व्यर्थ चिन्तन करने की आदत जड़ से मिटाओ
*ॐ शांति*
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