Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 20 March 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 20.3.2019 *
विचार सागर मंथन करने की आदत को पकाना
ज्ञान की पॉइंट बुद्धि में सहज होगा तभी समाना
बाप जो भी सुनाते केवल वही तुम सुनते जाओ
अच्छी रीति से पढ़ने वालों का संग करते जाओ
बाप की श्रीमत पर स्थिति फर्स्ट क्लास बनाओ
स्थापन होने वाली राजधानी में उत्तम पद पाओ
खुद भगवान हमें पढ़ाते है तो बाकी पढ़ाई छोड़ो
ईश्वरीय शिक्षा और बाप से अपने मन को जोड़ो
ज्ञान योग में बच्चों अपने आपको तीखा बनाओ
बाप के संग तुम भी ईश्वरीय सेवा में काम आओ
बने बनाए इस ड्रामा में कुछ भी बदल न पाएगा
सही वक्त पर हर पात्रधारी अपना पार्ट बजाएगा
बाप जो पढ़ाते सुनाते केवल वही धारण करना
कुसंग से बचकर तुम विचार सागर मंथन करना
ड्रामा की भावी समझकर हर पल बेफिक्र रहना
संशय से मुक्ति पाकर तुम ड्रामा पर अटल रहना
होली के अर्थ स्वरूप में बच्चों स्थित हो जाओ
बीती बात भुलाकर सच्ची सच्ची होली मनाओ
अपनी और दूसरों की बातें चिन्तन में ना लाओ
बीती बातें खत्म कर तीव्र पुरुषार्थी बनते जाओ
पालना पढ़ाई और श्रेष्ठ जीवन जो बाप से पाते
सारे जग में श्रेष्ठ भाग्य वाले वही बच्चे कहलाते
* ॐ शांति *
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