Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 19 March 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page.
*मुरली कविता दिनांक 19.3.2019*
संगमयुग है कल्याणकारी दुनिया बदलने वाला
ऐसा पुरुषोत्तम युग कभी भी नहीं भुलाने वाला
बच्चों को बाप समझाते हैं भूल कोई ना करना
नारायण बनने के लिए दैवी गुण धारण करना
योगी बनकर बच्चों सभी विकर्मों को मिटाओ
कड़वापन त्यागकर तुम मधुर वाणी अपनाओ
खुद को आत्मा समझ जो बाप से योग लगाते
केवल वही बच्चे ही सच्चे सच्चे योगी कहलाते
खुद को पावन बनाने वाला ही योगी कहलाता
इन्द्रियों का सुख लेने वाला पतित ही रह जाता
याद की यात्रा कर अन्दर का किचड़ा निकालो
अशांति छोड़कर तुम शांति का धर्म अपना लो
पवित्रता के लिए खुद को बनाओ तुम महावीर
बाप की हर सत्य बात सुनो होकर सदा गम्भीर
बुरी बातें सुनना छोड़कर सबको जगाते जाओ
अपने संग औरों को भी पुरुषोत्तम बनाते जाओ
बच्चों इस विस्मृति की दुनिया से निकल जाओ
स्मृति स्वरूप में स्थित होकर हीरो पार्ट बजाओ
अपने श्रेष्ठ भाग्य का सदा गाते जाओ तुम गीत
अविनाशी भाग्य देने वाला पाया तुमने मनमीत
अपनी हिम्मत का पहला कदम तो आगे बढ़ाओ
बाप की सम्पूर्ण मदद अपने हर कदम में पाओ
* ॐ शांति *
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