Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 16 March 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page.
*मुरली कविता दिनांक 16.3.2019 *
आत्मा भाई भाई समझकर सबसे प्रेम निभाओ
सबकी कमियाँ भूलाकर सतोप्रधान बन जाओ
याद की यात्रा पर चलकर पद्मों का वर्सा पाओ
एक बाप के अलावा हर बात को भूलते जाओ
कौन क्या करता इस बात में समय नहीं गंवाओ
सतोप्रधानता की भारी मंजिल पर चलते जाओ
केवल बाप के प्यार में बच्चों खुद को चटकाओ
खुद की सूक्ष्म चेकिंग करके बाप से वर्सा पाओ
देही-अभिमानी अवस्था से सुखदाई बन जाओ
आपस में प्यार से रहो और मतभेद में ना आओ
सब बातों को छोड़ एक बाप के गुण अपनाओ
ग्लानी करना छोड़कर सतोप्रधान बनते जाओ
ज्ञान योग की हर शक्ति का प्रयोग करते जाओ
सारा जीवन ज्ञान योग की प्रयोगशाला बनाओ
डबल लाइट अवस्था से सेवा में सफलता पाओ
विघ्नों का हर अंश और वंश जीवन से मिटाओ
लक्ष्य को पाने वाले विघ्न-विनाशक कहलाओ
*ॐ शांति *
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