top of page
Writer's pictureWebsite Admin

आज की मुरली से कविता 14 Feb 2019 (Today Murli Poem)


Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 9 Feb 2019. This poem is daily written on day's murli by Brahma Kumar (BK) Mukesh (from Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.

Poems

* मुरली कविता दिनांक 14.2.2019 *

परमपिता शिवबाबा आकर गीता ज्ञान सुनाते

बाप की याद में हम बच्चे शिव जयन्ती मनाते

गीता ज्ञान सुनकर आत्माएं पवित्रता अपनाती

इसलिए शिव जयन्ती, गीता जयन्ती कहलाती

धर्म स्थापना का आधार पवित्रता ही कहलाता

किंतू कोई भी धर्म स्थापक पावन नहीं बनाता

केवल बाप का काम पतितों को पावन बनाना

इसीलिए बाप का होता इस संगमयुग में आना

काम चिता पर जलकर भारत नर्क बन जाता

सतयुग में कभी ना रहता काम चिता से नाता

ज्ञान अमृत धारा से सबको स्वर्गवासी बनाओ

मास्टर रहमदिल बनकर सबको देवता बनाओ

ज्ञान की पराकाष्ठा से तुम बुद्धिमान बन जाओ

शिव जयन्ती की सच्चाई सिद्ध कर दिखलाओ

बाप का स्नेह अपने दिल में धारण करते जाओ

आकर्षण से मुक्त होकर सच्चे स्नेही बन जाओ

देह की दुनिया से सम्बन्धों से ऊपर उड़ जाओ

सुख से भरपूर इन्द्रप्रस्थ के निवासी बन जाओ

*ॐ शांति*

---- Useful links ----

Brahma Kumaris Website links

Videos Gallery - YouTube playlist

Follow our Main Blog

.

15 views

Related Posts

See All

Comments


bottom of page