Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 9 Feb 2019. This poem is daily written on day's murli by Brahma Kumar (BK) Mukesh (from Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 13.2.2019 *
विचार सागर मंथन की आदत पक्की कर लो
ज्ञान की नई बातों से अपनी बुद्धि को भर लो
बड़े से बड़ी कमाल केवल शिवबाबा दिखाते
सब बच्चों को सेकण्ड में वो परिजादा बनाते
बाप से पढ़कर बच्चे मानव से देवता बन जाते
सारी दुनिया में ऐसी पढ़ाई केवल बाप पढ़ाते
ज्ञान का तीसरा नेत्र देकर हमें रोशनी में लाते
बाबा ही हम बच्चों को ठोकर खाने से बचाते
बाप का हर काम बहुत वण्डरफुल कहलाता
ऐसा कमाल जग में कोई और नहीं कर पाता
तुम हो एक आत्मा अपने मन को समझाओ
बुद्धि से समझकर इसको पीछे कर्म में आओ
सद्गति दाता एक बाप ये निश्चय पूरा बिठाओ
बाप की मत अपनाकर समझदार बन जाओ
शांति में रहकर बाप को प्यार से याद करना
बच्चों कहीं अहंकार में आकर तुम ना गिरना
देवताओं समान कशिशदार बाप तुम्हें बनाते
21 जन्म सुख शांति तुम बच्चे बाप से पाते
अपनी अवस्था को तुम बहुत धैर्यवत बनाना
किसी बात में कभी तुम अंहकार ना दिखाना
ज्ञान का सिमरन करके तुम सदा हर्षित रहना
सेवाधारी समझकर सदा सेवा में तत्पर रहना
हर घड़ी अंतिम घड़ी समझकर मौज मनाना
कोई भी परीक्षा में बच्चों मूँझ नहीं तुम जाना
विशेष आत्मा समझकर कर्म सभी तुम करना
एवररेडी बनकर सदा रूहानी मौज में रहना
व्यर्थ और अशुभ को जीवन से तुम मिटाओ
समर्थ शुद्ध संकल्प से खुद को अचल बनाओ
*ॐ शांति*
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