top of page
Writer's pictureWebsite Admin

12 April 2019 आज की मुरली से कविता (Today Murli Poem)


Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 12 April 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page. Or Listen Audio Murli (Hindi & English) on our page: Daily Gyan Murli

* मुरली कविता दिनांक 12-04-2019 *

पुरानी दुनिया का हाहाकार बाप मिटाने आए

नई दुनिया बनाकर जय जयकार कराने आए

सबकुछ भुलकर जो खुद को पूरे बैगर बनाते

सिर्फ वही बच्चे स्वर्ग में जाकर ऊंच पद पाते

बाप आए हैं पुरानी दुनिया का झगड़ा मिटाने

सारी तमोप्रधान दुनिया को सतोप्रधान बनाने

अमरलोक में ना होगा झगड़े का नाम निशान

हर कोई होगा वहाँ पांच विकारों से अनजान

समझदारी रखकर बनो बाप के पूरे मददगार

खत्म करो आपस में लड़ाई करने के संस्कार

समय बहुत ही थोड़ा है पूरे पावन बन जाओ

भूलो सारी दुनिया बाप की याद में खो जाओ

पुरानी दुनिया के धन दौलत से बुद्धि निकालो

सबकुछ भुलाकर खुद को पूरा बैगर बना लो

बाप के प्यार में तुम हर बात को सहन करना

सहनशीलता की धारणा में पड़ेगा तुम्हें मरना

खुशी से मरकर बच्चों खुद में परिवर्तन लाओ

सबके आगे सहनशीलता की मूरत कहलाओ

मन बुद्धि को सदा खुशी की खुराक खिलाओ

इसी विधि के द्वारा खुद को तन्दुरुस्त बनाओ

*ॐ शांति *

---- Useful links ----

Online Services (all covered)

Get mobile apps (Android)

.

55 views

Related Posts

See All

Comentarios


bottom of page