Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 9 Feb 2019. This poem is daily written on day's murli by Brahma Kumar (BK) Mukesh (from Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 10.2.2019 *
* भावुक आत्मा तथा ज्ञानी आत्मा के लक्षण *
दो प्रकार के बच्चे सभा में नजर बाप को आते
दोनों ही तरह के बच्चों को बाप दिल में समाते
भक्ति भावना रखकर कुछ बाप से मिलने आते
बाप को पहचानकर कुछ बाप जैसा बनने आते
खुशी शांति ज्ञान प्रेम का फल भावना वाले पाते
इन्हीं प्राप्तियों के अनुभव स्वरूप खुश हो जाते
ज्ञान का आधार बाप का सत्य परिचय करवाता
ये आधार अपनाने वाला बाप समान बन जाता
भावना वाले बच्चे बाप से केवल वर्सा ही पाते
लेकिन सम्पूर्ण वर्सा पाने में वो पीछे ही रह जाते
बाप के प्यार में भावुक बच्चे गीत मौज के गाते
लेकिन माया के छोटे छोटे विघ्नों में बड़े घबराते
ज्ञानी तू आत्मा बच्चे समझते सदा बाप को संग
सर्वशक्तिमान बनकर कभी ना होते माया से तंग
बाप के सर्व खजानों का हर बच्चे को अधिकार
मेरा बाबा कहकर बनो हर अधिकार के हकदार
बाप रहते हर बच्चे को सब कुछ देने को तैयार
बच्चे अलबेलेपन के वश मेहनत करते बारम्बार
मेहनत करके बाप से बच्चे जो कुछ भी है पाते
अपनी कमजोरी के कारण उसे बार बार गंवाते
अपनी प्राप्तियों प्रति जो रहते हैं सदा होशियार
ऐसे स्वराज्य अधिकारी पाते विश्व का अधिकार
बच्चों भावुकता के संग संग ज्ञान भी अपनाओ
अखुट खजानों का अधिकारी खुद को बनाओ
*ॐ शांति*
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