Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 6 April 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page. Or Listen Audio Murli (Hindi & English) on our page: Daily Gyan Murli
* मुरली कविता दिनांक 10-04-2019 *
कौन हमें पढ़ाने वाला बुद्धि में निश्चय बिठाओ
पढ़ाने वाले को लेकर संशय में कभी ना आओ
माया दुश्मन तुम बच्चों को अंत तक सताएगी
इतनी आसानी से वो तुम्हें छोड़कर ना जाएगी
जरा सी गफलत पर वो बाप की याद भुलाएगी
तुमसे विकर्म करवाकर फिर से असुर बनाएगी
बच्चों के बुलावे पर ही बाप परमधाम से आते
घर ले जाने के लिए बच्चों का देहभान तुड़वाते
हम बच्चों को बाप ऐसा कर्म करना सिखलाते
लौटकर फिर हम कलियुगी संसार में नहीं आते
बाप की पढ़ाई को तुम जीवन में जब लाओगे
सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी का मर्तबा तभी पाओगे
बाप हमको पढ़ाते ये निश्चय और नशा चढ़ाना
इसी पढ़ाई से तुम खुद को सतोप्रधान बनाना
ज्ञान घृत से आत्मा का दीपक रखना जलाकर
माया का तूफान कोई ना जाए तुमको हिलाकर
मन-बुद्धि को हर झमेले से किनारे लेकर जाओ
उड़ती कला में जाते हुए बाप से मिलन मनाओ
हीरो स्मृति रखकर जब अपना पार्ट बजाओगे
सारे कल्प के लिए हीरो पार्टधारी कहलाओगे
* ॐ शांति *
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