top of page

श्रेष्ठ राजयोगी कहलाओ
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
ख़ुद को श्रेष्ठ राजयोगी की, अनुभूति कराओ
कर्मेंद्रियों के राजा बनकर, राजयोगी कहलाओ
कर्मेन्द्रियों के वशीभूत, प्रजायोगी ही कहलाते
मालिक होकर भी वे, नौकर के नौकर रह जाते
राजयोगी का ये टाइटल, तुम कभी नहीं गंवाओ
विश्व महाराजा बनने के, सारे संस्कार अपनाओ
सर्वशक्तिमान पर विश्वास, कायम रखते जाओ
सर्व सफलताओं को, अधिकार स्वरूप में पाओ
दिलतख्तनशीन होने का, ख़ुद पर नशा चढ़ाओ
हिम्मत से आगे बढ़कर, हर फ़िकरात मिटाओ
वरदानी बनकर औरों को, वरदान बांटते जाओ
सम्पन्न बनकर सबको, सम्पन्न बनाते जाओ
स्व परिवर्तन से औरों को, प्रेरित करते जाओ
इन्द्रियों को जीतकर, श्रेष्ठ राजयोगी कहलाओ ||
" ॐ शांति "
Suggested➜

Get Help through the QandA on our Forum
bottom of page