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सही मायने में होली

𝐏𝐨𝐞𝐭: BrahmaKumaris, Mt Abu

योग अग्नि की ज्वाला प्रज्जवलित कर विकारों को जलाते हैं,
चलो आज हम सही मायने में होली मनाते हैं...

बाबा ने पिचकारी (मुरली) भेजी है
ज्ञान का रंग भरकर चलो हम खेलते हैं होली, आत्मिक तिलक लगाकर सात रंगों (गुणों) से हम खुद को आभूषित करते हैं
चलो आज हम सही मायने में होली मनाते हैं...

हमारी होली पूरी दुनिया से है निराली,
स्वयं भगवान रंग बरसाएं, हम कितने हैं भाग्यशाली
चलो आज हम भगवान को भी रंग लगाते हैं
आज हम सही मायने में होली मनाते हैं...

होली का पर्व संदेश देता है पावन बनने का,
भविष्य की ओर जाने का, बीती को बिंदी लगाने का
चलो आज हम बुझी हुई आत्म-ज्योति जलाते हैं
आज हम सही मायने में होली का पर्व मनाते हैं ||

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