top of page

होली खेलें बाबा संग
𝐏𝐨𝐞𝐭: BrahmaKumaris, Mt Abu
हम तो होली खेलें, बाबा तेरे संग-संग में
हमें रंग लिया, तुमने रूहानी रंग में;
हम तो हरदम रहे, बाबा तेरे संग-संग में
हमको खुशियों का पारा चढ़ा, अंग-अंग में |
ज्ञान की भरकर पिचकारी, हम रूहों पे डाली
योगी बनके रंग गई, सारी दुनिया ही हमारी;
याद बाबा तेरी आए, तन झूमे मन गाए
पाके प्यार तुम्हारा बाबा, जीवन खिल-खिल जाए |
ओ बाबा बेमिसाल, किया नज़रों से निहाल
ज्ञान खज़ाना देकर, कर दिया हमको मालामाल;
सारी दुनिया से न्यारी, निराली अपनी होली
मीठी बोली सुन बाबा की, बन गए हम होली ||
Suggested➜

Get Help through the QandA on our Forum
bottom of page