प्रवृत्ति मार्ग वालों को बाबा का डायरेक्शन
देखकर खुश हूँ प्रवृत्ति मार्ग वालों की अवस्था
प्रवृत्ति और निवृत्ति के मध्य सुन्दर है व्यवस्था
बाप की याद की छत्रछाया के नीचे रहने वाले
माया के सर्व आकर्षणों से बचकर रहने वाले
ऐसे न्यारे निराले बच्चों के बाबा गुण गाता
सच्चाई पर चलने वालों पर राजी हो जाता
नियम है प्रवृत्ति का हर छोटी बात को समाना
किसी भी हालात में कोई भी व्यर्थ न फैलाना
यदि मामूली सी बातें हम यहाँ वहाँ फैलाएंगे
तो विश्वकल्याण के कार्य से वंचित हो जाएंगे
राजी हो जाओ ज्ञान के हर राज को जानकार
खत्म करो व्यर्थ बातें तुम मेरा कहना मानकर
अगर चाहते हो मुझसे सच्चा मिलन मनाना
सर्वप्रथम खुद को साकारी से आकारी बनाना
बनता हूँ मैं आपके लिए निराकारी से साकारी
तुम भी बनो फिर मेरे लिए साकारी से आकारी
देहाभिमान से न्यारे होकर अशरीरी बन जाओ
वस्त्र पहनकर चमकीले मुझसे मिलन मनाओ
मिलन का आनंद आएगा जब होंगे एक समान
एक मैं दूजे तुम फिर किसी और का क्या काम
बापदादा से बच्चों इतनी शुद्ध घनिष्ठता बढ़ाओ
प्रवृत्ति में रहकर भी कमल पुष्प तुम कहलाओ ||
" ॐ शांति "
𝐀𝐮𝐭𝐡𝐨𝐫: BK Mukesh Modi
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