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अमृत वेला का अनुभव

𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi

परमधाम से ले आया वो दिव्य गुणों की सुगन्ध
भूलकर सबको आओ हम जोड़ें उससे सम्बन्ध

शीतल हवा के झौंके जैसा वो एहसास करवाये
उसकी एक नजर हम सबको निहाल कर जाये

और नहीं कोई वो है शिव बाबा प्यार का सागर
उसकी रूहानी दृष्टि पाकर भर लें मन की गागर

अमृत वेला करती मुझको अमृत से भरपूर
सारा दिन रहता हूँ फिर रूहानी नशे में चूर

ब्रह्म मुहूर्त का समय मुझे ब्रह्मवासी बनाता
बिना मेहनत मुझको पार निर्वाण ले जाता

पूरी दिनचर्या का सिर्फ अमृत वेला आधार
केवल अमृत वेला लाती संस्कारों में सुधार |

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