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आओ ऐसी होली मनायें

𝐏𝐨𝐞𝐭: BrahmaKumaris, Mt Abu

जल जाए पाप सारे, तुम ऐसी होली जलाओ
स्नेह-सहयोग के रंगों भरी, होली तुम मनाओ |

छोड़कर सब बीती बातें, कर लें नई शुरुआत
कल्याण समाया हो जिसमें, कर लें वही बात |

हंसने और खुश रहने का, सबको है अधिकार
आओ मिलकर बांटे, सबको स्नेह और प्यार |

रंग बिखेर दें खुशियों के, सबके जीवन में हम
ढूंढ़ने से भी ना मिले, किसी के जीवन में ग़म |

करें हम कुछ ऐसा, जो हो जाएं सब खुशहाल
आओ खुशियों से करें, हम सबको मालामाल ||

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