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This is a collection of 114 hand-written poems in Hindi & English on various topics revolving around spirituality, shiv baba, personal feelings, purusharth (spiritual efforts), amritvela, and poems on special days (festivals). NEW: You can download PDF of the poems.
पुरुषार्थ पर कविताएँ
नए साल का पुरुषार्थ
प्रवृत्ति मार्ग पर बाबा का डायरेक्शन
सहज पुरुषार्थी बनो
पुरुषार्थ के प्रति सावधानी
चक्र लगाओ
अनमोल शिक्षा
बाबा की अन्तिम शिक्षा
पहला नम्बर पाएंगे
पवित्रता का श्रृंगार
सम्पूर्ण पवित्रता
पवित्रता अपनाओ जीवन
बाबा से सर्व सम्बन्ध
बाबा मुझमें नज़र आए
माला का मणका
प्यार का सागर बन जाऊं
अनासक्त नष्टोमोहा जीवन
मोह मिटाओ श्रेष्ठ पद पाओ
वैराग्य का परिणाम
अपने घर जाएंगे
घर चलेंगे पावन बनकर
श्रेष्ठ राजयोगी कहलाओ
गया समय ना आएगा
प्यार की दुनिया बनाओ
सतयुगी राज्य का मेवा
नई दुनिया में पधारो
स्वयं के भाग्य विधाता
अब तो वही करेंगे हम
सरलचित स्वभाव
दिव्य चरित्र का निर्माण
प्रीत बुद्धि की निशानी
मन की उड़ान
रूप तुम्हारा निराकार
शब्दों का चुनाव
स्वदेश वापसी की यात्र
विश्व सेवाधारी
विशेष दिन पर कविताएँ
नए साल पर कविता
नूतन वर्ष अभिनन्दन
१८ जनवरी (स्मृति दिवस)
सच्ची स्वतन्त्रता
बसन्त पंचमी
रक्षा बंधन
राखी पर कविता
सच्ची दिवाली
सच्ची होली: बीती को बीती करना
होली की सबको बधाई
होली आई रे
मन नहीं रंगता होली में
आओ! होलिका जलाएँ
आओ ऐसी होली मनायें
सही मायने में होली
होली खेलें बाबा संग
अमृतवेला
अमृत वेला का अनुभव (1)
अमृत वेला का अनुभव (2)
अमृत वेला का अनुभव (3)
अमृत वेला का अनुभव (4)
अमृत वेला का अनुभव (5)
अमृत वेला का अनुभव (6)
अमृत वेला का अनुभव (7)
अमृत वेला का अनुभव (8)
अमृत वेला का अनुभव (9)
अमृत वेला का अनुभव (10)
अमृत वेला का अनुभव (11)
अमृत वेला का अनुभव (12)
अमृत वेला का अनुभव (13)
अमृत वेला का अनुभव (14)
अमृत वेला का अनुभव (15)
जनरल कविताएँ
नववर्ष मेरा और आपका
शिव परमात्मा का कर्तव्य
राजयोग से जीवन आसान
शांति की शक्ति
दिव्यता के गगन में
सुख को आता पाओगे
बाबा से प्यार
आत्मिक फैशन
बदला है मेरा संसार
बाबा का सपना
सारी दुनिया ईश्वरीय परिवार
सम्पूर्ण पवित्रता का फल
स्वर्ग की बादशाही का ईनाम
स्वर्णिम नव प्रभात लाओ
परमपिता का प्यार सुखी संसार
सर्वश्रेष्ठ पार्ट बजाओ
हर दिन एक अवसर
जीवन की सफलता
अष्ट रत्न की विशेषताएँ
नारी शक्ति
खुश हो जाए भगवान
मानव का धर्म
पिताश्री ब्रह्मा के कर्म महान
बदलो अपनी जीवन व्यवस्था
बाँधेली का सौभाग्य
प्रकृति को पवित्र बनाओ
समस्या का समाधान
प्राकृतिक आपदाऐ
वो ही दिल को भाए
मेरा दिव्य स्वरूप
बन गया मैं भी ब्रह्माकुमार
मान सम्मान की इच्छा
अन्तर्यामी की आज्ञा
वो है मेरा प्यारा शिव भगवान
परमात्मा होंगे विराजमान
English Poems
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