हम मुरली को ऐसे नहीं देखेंगे। साकार मुरली और अव्यक्त मुरलियों में इतना अंतर जरूर है की दोनों की भासना (feel) अलग आती है, दोनों का माध्यम (medium) अलग है। साकार मुरली अर्थात शिव बाबा ने जो साकार प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा बोली। और अव्यक्त मुरली ब्रह्मा के फरिस्ता स्वरुप द्वारा (via Brahma's angelic form) बोले हुए महावाक्य है >> इसे अच्छे से समझो।
✶Extra Knowledge: साकार मुरलियो में बीच बीच में ब्रह्मा बाबा interfere करते थे। इसलिए साकार मुरलियों को समय के साथ refine किया गया ताकि ब्रह्मा बाबा के वाक्यों को merge किया जाए और जितना हो सके शिव बाबा के महावाक्यों को ही मुरली में रखे।
☘️अच्छा अभी भागवतम है कृष्ण की stories जैसे रामायण भी है। इसमें कोई ज्ञान की बात नहीं।
🪴और भगवद गीता है ज्ञान और परमात्मा की श्रीमत (directions) >> गीता जैसे कोई नहीं। इसीमे निराकार बाप के महावाक्य लिखे गए है।
🌿अभी यह तो हम जानते है की जो गीता द्वापुर युग में लिखी गयी (वेद व्यास द्वारा) उसमे time by time काफी additions हुए। तो गीता में कुछ सत्य है और कुछ असत्य भी। लेकिन गीता का essence (मूल) यही है की:
"मनुष्य अपना धर्म और कर्म कैसे करे, और उसका उद्धार कैसे हो" >> यही गीता केहती है >> हम "कर्मयोग" को गीता का सार कह सकते है।
🌸अच्छा ... तो गीता व भागवतम केवल भक्ति मार्ग की सामग्री है। इसमें सम्पूर्ण ज्ञान (complete knowledge) नहीं होने कारण मनुष्य का उद्धार हो न सका। निराकार शिव परमात्मा का नाम हटाकर कृष्ण का नाम रखना >> यही बड़ी भूल।
अच्छा
On Godly Service,
𝕾𝖍𝖎𝖛 𝕭𝖆𝖇𝖆 𝕾𝖊𝖗𝖛𝖎𝖈𝖊𝖘 𝕴𝖓𝖎𝖙𝖎𝖆𝖙𝖎𝖛𝖊