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संगम युग का समय (Time of Sangam Yug)
Book Description
इस किताब में 1969 से लेकर 2011 तक की अव्यक्त मुरलियों से विशेष "संगम युग के समय" पर बोले हुए बापदादा के महावाक्य है। (This book is a collection of Avyakt BapDada's versions taken since 1969 till 2011, spoken on the "importance of time of confluence age" (Sangam yug). Realising the importance of this great time, we can best utilise this time in self-upliftment, and in spiritual service of all souls)
परमपिता शिव परमात्मा ने ब्रह्मा के मुख/माध्यम द्वारा हम बच्चो को ज्ञान के अनमोल मोती दिए है। हम जानते है की वर्तमान समय सबसे अनमोल समय चल रहा है जब ही हम आत्माए अपने रूहानी पिता को जानती है, इस सृष्टि नाटक चक्र को जानती है, और अभी अर्थात संगम युग में ही हम आत्माए अपना जनम जनम का भाग्य अपने पुरुषार्थ और श्रेष्ठ कर्म द्वारा बना सकती है।
इस पुरुषोत्तम संगम युग में हम बच्चो को शिव बाप ने २ ख़ज़ाने दिए है - समय और संकल्प। इस महान समय का महत्त्व जानने से ही हमारा एक एक सेकण्ड सफल होंगे। हमे इस महान समय को स्वयं की उन्नति में और सभी आत्माओ की रूहानी सेवा और कल्याण में सफल करना है। सृष्टि में पवित्रता, शान्ति, और सुख का अखण्ड राज्य स्थापित करना - यह हमारा लक्ष्य है।
(This book is provided to you for free from the "Prajapita Brahma Kumaris Godly Spiritual University", Madhuban. We provide you free PDF version to download and print.)
Author
Prajapita Brahma Kumaris Ishwariya Vishwa Vidhyalay, Mount Abu.
Tags for this book
spirituality, Question Answers
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